अब सभी के मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कुतुब मिनार से भी ऊंची इस 40 मंजिला इमारत को क्यों ढहाया जा रहा है?
सुपरटेक बिल्डर की तरफ से नामी वकील इस केस को लड़े लेकिन वह ध्वस्त होने से नहीं बचा सके.
इसकी मुख्य वजह थी गैरकानूनी तरीके से बनाई गई यह बिल्डिंग.
ट्विन टावर के बगल की सोसायटियों में रहने वाले लोगों का कहना था कि इसे अवैध तरीके से बनाया गया है.
इसे गिराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी गई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के सीनियर अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी की थी.
जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्विन टावर को अवैध घोषित कर इसे गिराने का आदेश दिया तो रियल स्टेट के सेक्टर में बायर और बिल्डर के बीच हुई कानूनी लड़ाई में इसे बड़ी जीत के तौर पर देखा गया.