इस एक गलती के कारण बूढ़े हो रहे हैं आप, जवानी रोकने के लिए करें ये काम

आज हम इस खबर में जानेंगे विटामिन डी का हमारे शरीर में क्या काम होता है, इसकी कमी क्यों हो जाती है, कमी से क्या बीमारियां या परेशानियां हो सकती हैं।
टाटा ग्रुप की ऑनलाइन फॉर्मेसी 1 एमजी लैब्स की एक स्टडी में पता चला कि 4 में से 3 भारतीयों के शरीर में सनशाइन विटामिन यानी विटामिन डी की कमी है। यह स्टडी देश के 27 शहरों के 2.2 लाख लोगों पर की गई थी। महिलाओं और बुजुर्गों के मुकाबले युवा पुरुषों में यह कमी ज्यादा देखी गई
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि विटामिन डी का हमारे शरीर में क्या काम होता है, इसकी कमी क्यों हो जाती है, कमी से क्या बीमारियां या परेशानियां हो सकती हैं और विटामिन डी की कमी को कैसे दूर किया जाए।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं
डॉ. साईं प्रवीण हरनाथ, सिनीयर कंसलटेंट, अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद
डॉ. पी वेंकट कृष्णन, जनरल फिजिशियल, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
अगर ये परेशानियां हो रही हैं तो समझ जाइये कि शरीर में विटामिन डी की कमी है…
अगर पहले से ज्यादा थकान होने लगी है।
नींद आती तो है मगर ठीक से सो नहीं पाते।
कई बार बैठे-बैठे सो जाते हैं।
हड्डियों में दर्द रहने लगा है।
नकारात्मक विचार पहले से कुछ ज्यादा आने लगे हैं।
हर वक्त चिड़चिड़ापन और दुखी महसूस करते हैं।
बालों का झड़ना बढ़ गया है।
मसल्स कमजोर हो गई हैं।
पैरों में दर्द रहने लगे।
जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं।
स्किन पेल यानी पीली दिखने लगी है।
सवाल: ऐसा कहते हैं कि विटामिन डी सिर्फ सूरज की रोशनी से ही मिल सकता है। क्या यह बात सही है?
जवाब: शरीर को 90 फीसदी विटामिन डी सूरज की रोशनी से ही मिलता है। कुछ खाने की चीजों से भी शरीर को विटामिन डी मिलता है मगर वह बहुत कम होता है।
सवाल: आजकल विटामिन डी की कमी आखिर हो क्यों रही है?
जवाब: विटामिन डी की कमी होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि हमारी स्किन सूरज की रोशनी या धूप के कॉन्टैक्ट में कम आती है। इससे स्किन विटामिन डी नहीं बना पाती और उसकी कमी हो जाती है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि…पूरा दिन चार दीवारों के बीच रहते हैं। घर से सीधा ऑफिस, स्कूल या कॉलेज चले जाते हैं। फिर शाम को जब घर लौटते हैं तो सूरज जा चुका होता है। सुबह देर से उठते हैं। सुबह सूरज के निकलने के दो-तीन घंटों की धूप सबसे बेहतर होती है।
कई लोगों को लगता है सूरज की रोशनी में बैठने से उनका रंग गहरा हो जाएगा। इसलिए वो धूप से बचते हैं।
सवाल: अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो गई है और सिचुएशन सीरियस है तो क्या कुछ ऐसे सप्लीमेंट्स हैं जिनसे यह कमी दूर हो जाए?
जवाब: हां, बिल्कुल। विटामिन डी के कुछ सप्लीमेंट्स मार्केट में उपलब्ध हैं जिनसे कमी को दूर किया जा सकता है। कई बार डॉक्टर्स विटामिन डी के इंजेक्शन लेने का भी सुझाव देते हैं।
सवाल: क्या मैं अपनी मर्जी से ओवर द काउंटर विटामिन डी सप्लीमेंट्स ले सकती हूं?
जवाब: नहीं, यह बिल्कुल सेफ नहीं है। हर किसी को अलग-अलग मात्रा में विटामिन डी की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप अपनी मर्जी से ओवर द काउंटर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेते हैं तो नुकसान हो सकता है। सेल्फ मेडिकेशन बिल्कुल ठीक नहीं है।
सवाल: छोटे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं के लिए धूप में बैठना कितना जरूरी है?
जवाब: बच्चों के शरीर को हेल्दी और मजबूत रखने के लिए विटामिन डी जरूरी है। इसी वजह से डॉक्टर्स भी छोटे बच्चों को 10-15 मिनट धूप दिखाने की सलाह देते हैं। इसकी कमी से बच्चों को बार-बार निमोनिया होता है और हड्डियों में दर्द हो जाता है। बच्चों की ग्रोथ के लिए विटामिन डी जरूरी है। महिलाओं में खासतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी का अहम रोल है। गर्भ में पल रहे बच्चे के बोन्स और मां के स्वास्थय के लिए विटामिन डी हेल्पफुल है। बुजुर्गों में जोड़ो के दर्द और सूजन की परेशानी को विटामिन डी की कमी को दूर कर ठीक किया जा सकता है। युवाओं को विटामिन डी की कमी को इग्नोर नहीं करना चाहिए। शरीर में चुस्ती बनाएं रखने के लिए और अच्छी नींद के लिए विटामिन डी जरूरी है। इससे हॉर्मोनल लेवल भी मेंटेन रहता है।
सवाल: विटामिन डी ज्यादा हो जाए तो क्या कोई परेशानी हो सकती है?
जवाब: विटामिन डी फैट सॉल्यूबल विटामिन है। इसका मतलब है कि यह शरीर में मौजूद पानी में घुलकर शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। यह बॉडी फैट के साथ शरीर में स्टोर हो जाता है। इसलिए विटामिन डी जरूरत से ज्यादा लेने पर टॉक्सिक हो जाता है। इससे लिवर डैमेज और किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।